1- नियमित रूप से पानी पीना :-
आम आदमी दिन भर में करीब डेढ़ से 2 लीटर पानी पीता है और करीब 1200ml से 1300ml यूरिन बनाता है और जो किडनी स्टोन के पेशेंट्स होते हैं उनके लिए इतना पानी काफी नहीं होता किडनी स्टोन को रोकने के लिए तो ऐसे पेशेंट में को पानी का इंटेक एक से डेढ़ लीटर बढ़ाया जाए ताकि यूरिन का जो प्रोडक्शन बढ़ जाए है जिससे पेशाब कम से कम 2 से ढाई लीटर यूरीन 24 घंटे में बने ऐसा गर्मियों में 4 से 5 लीटर पानी पीने से होता है और ठंड के समय में 3:00 से 3:30 लीटर पानी पीना काफी होता है जब आप पानी ज्यादा पीते हैं तो जो यूरिन में जो केमिकल होते हैं जिनसे स्टोन बनता है उनकी उनके क्रिस्टल बनने की संभावना कम हो जाती है और स्टोन बनने के चांसेस कम हो जाते हैं
2-कम नमक का सेवन:-
बिना नमक खाना है आमतौर पर यह देखा गया कि आम आदमी 24 घंटे में ढाई ग्राम करीब नमक दिन भर में खाता है ऐसे व्यक्ति जिनके नमक का 24 घंटे में 5gm से ज्यादा होता है स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि जब नमक होता हैं जो कि सोडियम क्लोराइड होता है नमक ज्यादा लेने से यूरिन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है और सिट्रेट का लेवल कम हो जाता है और यह दोनों ही चीज पथरी बनाने में मदद करते हैं और पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है
3-खाने में कम प्रोटीन (मीट) का सेवन:-
हमारे लिए शरीर के लिए प्रोटीन भी जरूरी है मांसपेशियों के बनावट के लिए और टोटल शक्ति के लिए पर किडनी स्टोन के पेशेंट में बहुत ज्यादा प्रोटीन का सेवन हानिकारक सिद्ध हो सकता है और यह प्रोटीन खासकर मास प्रोटीन का ज्यादा इंपॉर्टेंट रोल है किडनी स्टोन के पेशेंट चाहे वह मटन के रूप में हो या फिश के रूप में प्रोटीन का सेवन बहुत ज्यादा करते हैं तो यूरिन में कैल्शियम की मात्रा ऑक्सलेट की मात्रा यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है यह तीनों ही चीजें स्टोन बनाने के लिए उपयुक्त होती है और अगर आप मीट ज्यादा खा रहे हैं और पानी कम पी रहे हैं तो यूरिन में ऐसे तत्वों का कंसंट्रेशन बढ़ जाता है और स्टोन बनने की संभावना ज्यादा होती है
4- कैल्शियम का सेवन करना :-
जो लोग कैल्शियम लेना बंद कर देते दूध लेना बंद कर दे तो स्टोन बनने के संभावना बढ़ जाते हैं इसीलिए कैल्शियम का नार्मल सेवन बहुत जरूरी है इसलिए दूध का सेवन जरुरी होता है
5- ऑक्सलेट की मात्रा खाने में कम ले :-
ऑक्सलेट का जो केमिकल होता है वह स्टोन बनाने में मदद करता है पर सिर्फ 40% ऑक्सलेट फूड से आता है बाकी बॉडी और लीवर में ही बनता है इसलिए ऑक्सलेट वाले पदार्थ जैसे भिंडी टमाटर पत्ता गोभी पालक इन सभी चीजों का कम मात्रा में इनका सेवन करें